क्या है भारत की राष्ट्रीय मिठाई? नाश्ते में खूब खाई होगी, सभी को होती है पसंद... पर शायद ही याद आए!
क्या आपने कभी ये सोचा है कि शानदार मिठाइयों वाले देश में भला राष्ट्रीय मिठाई कौन सी है? भले ही आपको यकीन न हो, लेकिन आपने सोचा होगा कि काफी चर्चा में रहने वाला रसगुल्ला ने अपने देश की राष्ट्रीय मिठाई है. वो बात अलग है कि आप गलत हैं.
कई लोग तो ये भी सोच सकते हैं कि क्या सच में कोई राष्ट्रीय मिठाई है भी या नहीं? जहां राष्ट्रीय पशुओं, राष्ट्रीय फूलों या फलों जैसी राष्ट्रीय मिठाइयों की चर्चा नहीं की जाती.
भारत की राष्ट्रीय मिठाई फीकी तो हो ही नहीं सकती. मज़े की बात तो ये भी है कि आप इसे खूब खाते हैं. अक्सर नाश्ते की प्लेट में ये चली आती है. बनाने में भी ये बिल्कुल आसान है, लेकिन याद आपको इतनी आसानी से नहीं हीं आएगी.
चलिए कोई बात नहीं, हम ही बता देते हैं. अपने देश की राष्ट्रीय मिठाई वही मानी जाती है, जिसे आप सुबह-सुबह कभी कचौड़ी तो कभी समोसे के साथ खाना पसंद करते हैं- मीठी-मीठी और करारी जलेबी. बहुत से लोग सोचते हैं कि जलेबी या जिलिपि एक भारतीय मिठाई है लेकिन इसे एक ईरानी मिठाई माना जाता है.
हालांकि आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिलापी का उल्लेख कई प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में मिलता है. वहां इसे बिल्कुल जलेबी की तरह तो नहीं बताया गया है, ऐसे में इसे भारतीय नहीं कहा जा सकता.
जिलापी या जलेबी जैसी मिठाइयों का उल्लेख 'कुंडलिका' या फिर 'जलवल्लिका' के तौर पर होता है. ये काफी कुछ जलेबी की तरह ही है, ऐसे में पता चलता है कि भारतीय लोगों का जलेबी के प्रति प्रेम सदियों पुराना रहा है, वो बात अलग है कि तब कॉपीराइट करने जैसी कोई प्रक्रिया नहीं थी. ऐसे में जलेबी ठेठ भारतीय नहीं हो पाई.
0 टिप्पणियाँ