हिंदू शास्त्रों में वर्णित प्राचीन संभला नगरी



 


 

 संभला नगरी का उल्लेख हिंदू शास्त्रों में बहुत महत्वपूर्ण रूप से मिलता है। इसे 'शांभल' या 'शांभल ग्राम' के नाम से भी जाना जाता है। यह नगर भविष्यवाणी के अनुसार कलियुग के अंत में भगवान विष्णु के दसवें अवतार, कल्कि अवतार, के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है

हम बात कर रहे हैं हिमालय पर 24000 किलोमीटर में फैले हुए एक ऐसे शहर की जिसका जिक्र हिन्दू धर्म के अलावा बौद्ध धर्म तिबेटी और अन्य कई प्राचीन धार्मिक किताबों में भी मिलता है ऐसा माना जाता है कि वहां वही लोग पहुँच सकते हैं जिन्होंने योग अथवा अन्य सभी धार्मिक कर्मकांड करके अपनी सभी इन्द्रियों को जागृत कर लिया हो


 

 सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस जगह को ढूंढ पाना बिलकुल ही आसान नहीं है मौजूदा समय की कोई भी टेक्नोलॉजी इस जगह को ढूंढ नहीं पाई है ऐसी मान्यता है कि यह जगह किसी खास धर्म से सम्बंधित नहीं है यहाँ तक वहीँ पहुँच पायेगा जो इस जगह के काबिल खुद को बना पायेगा 



इस अमर भूमि में किसी की भी मृत्यु नहीं होती यहाँ लोग हजारों सालों से जिन्दा है सम्भाला गुप्त आध्यात्मिक शिक्षाओं और विलुप्त प्राणियों की रक्षा करता है सम्भाला नगरी का वर्णन महाभारत बाल्मीकि रामायण और वेदों में भी किया गया है हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार सम्भाला का कैलाश पर्वत और मानसरोवर के बीच में स्थित है लेकिन चौथे आयाम में होने की वजह से यह आम लोगों के नजरों से परे माना जाता है 


 

विष्णु पुराण के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ था तब उसे अनेकों जड़ी बूटी और अमृत के साथ संजीवनी बूटी भी निकली थी जिसे हिमालय के इसी सम्भाला नगरी के मठ में रखा गया था जिसकी सुरक्षा देवता करते हैं रामायण के अनुसार विश्वामित्र जी ने श्री राम और लक्ष्मण को वेदों ग्रन्थ हो और शस्त्रों के साथ अष्ट सिद्धि और नवनिति के ज्ञान के लिए इसी जगह लेकर गए थे जिसे सम्भाला का सिद्धार्थ सिद्धाश्रम कहा जाता था रामायण में इस नगरी का वर्णन एक बार और मिलता है जब लक्ष्मण जी को मेघनाथ की प्राण घातिनी बरषि लग जाती है और लक्ष्मण जी मूर्छित हो जाते हैं  तब वैद्य सुषेण ने हुनमान जी को संछेप में इस जगह का विवरण बताया था 

ऐसा माना जाता है की सम्भाला के वासी हमसे बहुत ही आधुनिक और उन्नत है और लोग यह भी मानते हैं कि यह जगह पृथ्वी से स्वर्ग जाने का मार्ग है यहाँ के लोग दुनिया के किसी भी व्यक्ति से अपनी मानसिक शक्ति का प्रयोग करके बात कर सकते हैं  और दुनिया में किसी भी आने वाले संभावित खतरे का पूर्व अनुमान लगा सकते हैं दुनिया भर के कई वैज्ञानिक इस जगह की खोज में 18 शताब्दी से लगे हुए है